Tuesday, May 26, 2020

Sonu Sood exposed the system

Sonu Sood exposed the system: 
दोस्तों सड़क पर केले का छिलका गिरा देख फेंकने वाले को गाली देने वाले बहुत मिल जाएंगे, छिलके पर किसी को फिसल कर गिरते देख कर हंसने वाले भी बहुत मिल जाएंगे मगर ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो बिना किसी को गाली दीये छिलका उठाकर कूड़ेदान में फेंक देते हैं। #SonuSood वही आदमी हैं। #Lockdown के बाद पैदा हुए हालात पर नेता एक दूसरे को गाली दे रहे हैं, फेसबुकिये कवि #Facebook पर जानलेवा कविता लिखकर #Likes बटोर रहे हैं, #Twitter के मसखरे उस पर #memes बनाकर रिट्वीट्स लेकर आ रहे हैं, चैनल वाले पैदल चलने वालों की फटी एड़ियां दिखाकर #TRP बटोर रहे हैं लेकिन मजे लेने वाले लोगों की भीड़ में #SonuSood जैसे कुछ लोग फरिश्ता बनकर भी आ रहे हैं। बजरंगी भाईजान फिल्म में बजरंगी अकेली मुन्नी को पाकिस्तान छोड़ कर आया था लेकिन रियल लाइफ में #Lockdown की स्थिति में #SonuSood ने जैसे कसम खा लिया है कि हर मुन्ना मुन्नी और उनके माता-पिता को उनके घर तक छोड़ कर आएंगे। #SonuSood जो काम कर रहे हैं उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कल तक मुंबई से 12000 लोगों को बसों में बैठाकर #SonuSood और उनकी टीम ने घर तक छोड़ा है। ना सिर्फ घर तक छोड़ा जा रहा है बल्कि रवाना होने से पहले उन्हें खाना भी खिलाया जा रहा है, रास्ते के लिए खाना दिया भी जा रहा है और Driver को बोला भी जा रहा है कि वह हर व्यक्ति को उसके घर तक छोड़ कर आएंगे। #Twitter #Facebook पर शायद ही कोई ऐसा आदमी हो जिसने #SonuSood से मदद मांगी हो और उन्होंने उसकी मदद ना की हो। इतनी जल्दी तो ऑनलाइन #Pizza घर तक नहीं आता जितनी जल्दी #SonuSood लोगों की फरियाद सुन कर उसका जवाब देते हैं। यह सब वह आदमी कर रहा है जो ना तो #Politician है ना कोई बड़ा #Businessman ना ही कोई बहुत बड़ा #Actor, नहीं उसके पास कोई बहुत अथाह धन-संपत्ति है जो आसानी से 10-20 लाख रुपए #Donate करने के बाद आराम से घर में बैठकर नागिन डांस के वीडियो डाल रहा है या सुबह शाम केक और पिज़्ज़ा के फोटो डालकर खुद को संजीव कपूर के फूफा भी साबित कर सकते थे मगर ऐसा नहीं किया। किसी नेता की तरह इनसे कोई सवाल भी नहीं पूछा जाता कि तुम्हारे यहां के लोग पैदल घर जा रहे हैं तुमने कुछ किया क्यों नहीं। अपने #Status को लेकर उनके ऊपर कोई #Pressure भी नहीं था फिर भी उन्होंने यह सब किया और आज भी कर रहे हैं। वह भी एक ऐसी #Society में जहां जिसकी जो जिम्मेदारी होती है वह भी वह लेने को तैयार नहीं होता। राज्य सरकारों को भी सड़क पर चल रहे पैदल मजदूरों से ज्यादा इस बात की टेंशन है कि कहीं अगर वह वापस आ गए तो कोरोना ना फैला दें। कुछ मुख्यमंत्रियों ने तो इसी डर से अपने राज्यों में ट्रेन के आने की इजाजत भी नहीं दी। ऐसे माहौल में और ऐसी #Society में #SonuSood ने जो किया है वह एक सवाल खड़ा करता है कि अगर एक इंसान थोड़े पैसे और पॉपुलरिटी के दम पर हजारों लोगों की मदद कर सकता है तो इस देश में जो 4500 से ज्यादा #MPs और #MLAs हैं वह क्या 2 महीने से घास छिल रहे थे क्या। अगर एक नॉर्मल एक्टर #Administration से बात करके लोगों को एक #State से दूसरे #State भेज सकता है तो यही काम उस इलाके के या हर इलाके के जनप्रतिनिधि भी कर सकते थे। ऐसा कैसे हो गया कि 1 महीने तक लाखों-करोड़ों लोग पैदल चलकर एक State से दूसरे State जाते रहे, चैनल वाले उनकी दुख तकलीफ दिखाते रहे फिर भी किसी नेता का दिल नहीं पसीजा। अगर यह तकलीफ सभी ने महसूस की होती तो किसी ज्योति को 1200किलोमीटर साइकिल चलाकर अपने बीमार पिता को घर नहीं ले जाना पड़ता या किसी इंसान को अपने परिवार को लेकर खुद बैल की जगह खड़े होकर खींचकर चलना नहीं पड़ता। किसी बाप को पैदल अपने बेटे की लाश को गोद में उठाकर नहीं चलना पड़ता और ऐसी एक नहीं हजारों कहानियां हैं। ऐसा हुआ और होता रहा क्योंकि इस देश के #System को चलाने वाले लोग इन लोगों के प्रति #Sensitive नहीं थे। मरने वाले लोग इनके लिए इंसान नहीं थे बल्कि महज एक आंकड़ा थे। मगर ऐसे #Insensitive माहौल में #SonuSood ने जो कुछ भी किया उसने पूरे #System की पोल खोल कर रख दी। इस मुश्किल भरी पिच पर अगर #SonuSood जैसा इंसान यह सब कर सकता है तो टॉप ऑर्डर में बैठे लोगों ने इस मुसीबत की बाउंसर को देख कर अपनी आंखें बंद क्यों कर ली। सोनू भाई ने जो कुछ भी किया उससे यह #clear हो गया की किया बहुत कुछ जा सकता था मगर सत्ता में बैठे लोगों कि ना वह आंख थी जो इन लोगों का दर्द देख पाए ना वो दिल था जो इन लोगों का दर्द महसूस कर पाए ना #SonuSood जैसा वह जज्बा था जो खुद से यह वादा कर पाए कि जब तक सड़क पर एक भी आदमी है मैं चैन की सांस नहीं लूंगा और 1-1 को घर भेज कर ही दम लूंगा मगर ऐसा हुआ ही नहीं। यह सारी बातें सिर्फ एक सवाल खड़ा करती हैं कि क्या इस देश का #System और उसे चलाने वाले लोग हम से सिर्फ वोट की उम्मीद रखते हैं? #SonuSood ना ही किसी सत्ता पार्टी के हैं नहीं विपक्ष के और ना ही उन्हें अपना वोट बैंक मजबूत करना था, फिर क्यों किया उन्होंने यह सब। इस देश के नेताओं की जिम्मेदारी क्या है और वह कब तक इस देश की जनता के साथ खेलते रहेंगे क्योंकि वह जानते हैं जनता वोट करें या ना करें राज तो उन्होंने ही करना है।

**FYI, It's My Personal Thoughts